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पंडित गणेश चौबे संस्कृत विद्यापीठ में आपका स्वागत है

पंजीकरण संख्या 04/16 /02/19289/17


वर्तमान आधुनिक समय में भारतीय संस्कृति एवं मूल्यों को जीवित रखने के लिए उत्तम एवं उत्कृष्ट मूल्यों पर आधारित शिक्षा की महती आवश्यकता है। जिसकी पूर्ति भारतीय भूमि पर देववाणी संस्कृत के सुचारु अध्ययन-अध्यापन से संभव है। संस्कृत शिक्षा मानव को श्रेष्ठ प्रबुद्ध एवं सुसंस्कृत प्रवृत्तियों की ओर अग्रसर कर भारतीय समाज का मार्गदर्शन करती है।

भारत की वह पावन भूमि जिस पर भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण ने अवतार लिया तथा जहाँ अनेक ऋषियों ने अपनी तपस्या और ज्ञान से सम्पूर्ण विश्व का मार्गदर्शन किया। ऋषियों ने उस ज्ञान के प्रकाश को वेद, उपनिषद, श्रीमद्भागवत गीता आदि श्रेष्ठ ग्रंथों में संग्रहित कर भारतीय समाज पर बहुत बड़ा उपकार किया है।

उस ज्ञान को जन-जन तक सुगमतापूर्वक पहुँचाने का सर्वोत्तम एवं श्रेष्ठ माध्यम संस्कृत अध्ययन-अध्यापन ही है। इसी के अंतर्गत भारत के अनेक महर्षियों एवं विद्वानों ने दृढ़ संकल्प के साथ यह कार्य संपन्न किया। आज भारतीय भूमि पर संस्कृत के अध्ययन-अध्यापन हेतु अनेक विश्वविद्यालय/महाविद्यालय/विद्यालय एवं संस्कृत विद्यालय संचालित हो रहे हैं।

इस परंपरा को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने के लिए पंडित गणेश चौबे जी द्वारा संस्कृत विषयों के अध्ययन एवं अध्यापन हेतु पंडित गणेश चौबे संस्कृत विद्यापीठ की स्थापना एवं शुभारंभ किया जा रहा है।

उपलब्धि

यह संस्कृत विद्यालय पूरे विधानसभा क्षेत्र में अनूठा हे, जहाँ पारंपरिक संस्कृत विद्यालय के माध्यम से संस्कृत विषय के साथ-साथ आधुनिक विषयों और कंप्यूटर आदि की पढ़ाई की सुविधा मिलती हे।


भवन

विद्यालय अपने स्वयं के भवन में संचालित हो रहा हे, जहां अध्ययन कक्ष, कार्यालय, पुस्तकालय, कम्प्यूटर कक्ष और छात्रावास सहित अन्य सुविधाएं भी परिसर में हे।


संस्थापक

पंडित गणेश चौबे जी द्वारा अपने सम्पूर्ण जीवन के अथक परिश्रम से एकत्रित की गई सम्पूर्ण धनराशि राष्ट्रहित एवं मानव कल्याण हेतु उस संस्था को दान कर दी गई है जिसके द्वारा इस संस्था की स्थापना की गई है।